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गुणों की खान थे महाकवि नीरज

नीरज साहब की याद में उनकी पुण्यतिथी पर काव्यांजलि पिछले 6 सालों से हो रही है। 11 फरवरी 2010 को इंदौर शहर में नीरज साहब से मेरी पहली मुलाकात हुई थी। नीरज साहब और हम मंच पर तो अकेले थे, लेकिन कवि सम्मेलन के दौरान फोन के माध्यम से उनके पूरे परिवार से हमारा परिचय हो गया। तब का दिन था और आज का दिन, हम लोग परिवार की तरह ही रहते हैं, सुख-दुख बांटते हैं और हमेशा जुड़े रहते है।

कमाल के ज्योतिषी

नीरज साहब के आखिरी दिनों में भी मेरी उनसे मुलाकात हुई। हर बार नीरज साहब के जीवन से जुड़ा एक कोई अनूठा किस्सा सुनाता हूं। नीरज साहब को जो लोग बेहद करीब से जानते होंगे उन्हें पता होगा कि नीरज साहब ज्योतिषी भी थे, कमाल के ज्योतिषी थे। उनके एक गहरे दोस्त डाक्टर थे। उन्हें कैंसर का पता चला। डाक्टर साहब बड़े मायूस थे, नीरज साहब ने कहा कि तुम अपनी कुंडली दिखाओ ...कुंडली नीरज साहब ने देखी और कहा कि तुम्हें कैंसर जैसी बीमारी हो ही नहीं सकती। डाक्टर साहब ने कहा कि बहुत अच्छी जगह से चेकअप कराया है। उन्होंने कहा कि मेरे कहने से


दोबारा कराओ। अगर कैंसर रोग दोबारा निकल आया तो मैं जीवन में कुंडली देखना छोड़ दूंगा। उन्होंने दोबारा चेकअप कराया और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। नीरज साहब गुणों के भरमार थे।

जावेद अख्तर साहब को इस मंच से सम्मानित किया गया। पिछले साल अन्नू कपूर साहब ने इस मंच की शोभा बढ़ाई। जावेद अख्तर साहब बहुत बड़ी शख्सियत हैं। कह सकता हूं कि अपने जीवन में कुछ वक्ताओं से प्रभावित हुआ हूं, उसमें आचार्य रजनीश का नाम सबसे पहले लेता हूं। दूसरे नंबर पर अटल बिहारी वाजपेयी जी, तीसरे नम्बर पर जावेद साहब का नाम लेता हूं। उनकी वाक् कला कमाल की है। चौथे नम्बर पर बड़े भाई कुमार विश्वास का नाम लेता हूं।

पिछले साल अन्नू कपूर साहब को अंताक्षरी में देखा था। मेरी पत्नी यहां बैठी हैं, अन्नू कपूर साहब जब अंताक्षरी करते थे तो ये शो में शामिल होने के लिए गई थीं। अन्नू कपूर साहब ने पिछले साल जो उद्बोधन दिया था वो भी बहुत कमाल का था। हाल-फिलहाल मैं किसी के संबोधन से प्रभावित हुआ हूं तो वो अन्नू कपूर जी का है।

मृंगाक और शंशाक, इस आयोजन के सभी प्रायोजक, प्रेस क्लब के सभी पत्रकार बंधु, यहां मेरे सहयोगी। जितने अतिथि हैं उनको आने के लिए धन्यवाद/आभार। यहां जमिल भाई हैं, जो मेरे विशेष दोस्त हैं (दुबई में रहते हैं) वो भी आए हैं, इनके पिता भी मौजू शायर हैं। रुमी साहब और बोनी कपूर साहब जो मेरे बड़े भाई की तरह हैं। हमेशा स्नेह-प्रेम मिलता रहा। इस मंच पर जितने लोग बैठे हैं मैं कह सकता हूं कि बाहर की दुनिया में हो सकता है लोग मेरे से इत्तेफाक रखते हों न रखते हों, लेकिन इस मंच पर जितने लोग बैठे हैं, मन से मानता हूं कि सब लोग मुझसे बहुत प्यार करते हैं।

आप सभी का बहुत-बहुत आभार...जय हिंद जय भारत

( महाकवि गोपाल दास नीरज की पुण्यतिथि पर 19 जुलाई 2024 को दिल्ली प्रेस क्लब में आयोजित काव्यांजलि में )
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